काशीपुर। उत्तराखंड सरकार द्वारा ठोस श्रमिक नीति न बनाए जाने के कारण आज उत्तराखड से पलायन बड़ा है, मजदूरों को उनका पर्याप्त हक नहीं मिल पा रहा। उक्त विचार वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं उत्तराखड कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव जितेंद्र सरस्वती ने इंडस्ट्रियल एस्टेट में आयोजित ‘मजदूर दिवस’ पर बोलते हुए व्यक्त किए। श्री सरस्वती ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री पं- नारायण दत्त तिवारी के द्वारा उद्योगों में स्थानीय युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए 70 परसेंट का अध्यादेश जारी किया गया था, लेकिन मजबूत श्रमिक और रोजगार नीति न होने के कारण स्थानीय उद्योगों में स्थानीय बेरोजगारों की उपेक्षा हो रही है, जो श्रमिक आज काम कर रहे हैं वह शोषण का शिकार है। कई इंडस्ट्री में दो से तीन माह में केवल एक बार वेतन प्राप्त होता है। श्रमिकों की स्वास्थ्य सेवाएं लचर है, पीएफ_ईएसआई जैसी सुविधाएं इंडस्ट्रीयो में केवल कागजों पर चल रही हैं। कांग्रेसी नेता सरस्वती ने कहा कि शिक्षित बेरोजगार आज अन्य राज्यों में पलायन कर रहे हैं। राज्य सरकार को चाहिए की ठोस श्रमिक नीति बनाकर उद्योगों में 70 परसेंट का अध्यादेश जारी करते हुए श्रमिकों के हित के लिए सही कार्य करें। जिससे कि उनके हक हकुको को का हनन न हो सके।













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