मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में यूसीसी पर बोले सीएम धामी: चार माह में मिले 1.5 लाख से अधिक आवेदन, गांवों से 98%

नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में यूसीसी लागू करने की दिशा में ठोस व्यवस्था विकसित की गई है। बीते चार महीनों में इस प्रक्रिया के तहत डेढ़ लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 98 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों से आए हैं।मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यूसीसी को सुचारु रूप से लागू करने हेतु एक पोर्टल और मोबाइल एप तैयार किया गया है, जिसे 14 हजार से अधिक जन सेवा केंद्रों (सीएससी) से जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि राज्य विधानसभा में यह विधेयक 7 फरवरी 2024 को पारित कर राष्ट्रपति को भेजा गया था, जिसे 11 मार्च 2024 को स्वीकृति मिली। सभी प्रक्रियाएं पूरी करते हुए 27 जनवरी 2025 को इसे पूरे उत्तराखंड में प्रभावी कर दिया गया।यूसीसी के माध्यम से जाति, धर्म और लिंग के आधार पर कानूनी भेदभाव समाप्त करने का प्रयास किया गया है। सीएम धामी ने कहा कि इससे महिला सशक्तीकरण को बल मिलेगा, साथ ही हलाला, बहु विवाह, बाल विवाह और तीन तलाक जैसी कुप्रथाओं पर भी पूरी तरह रोक लगेगी। हालांकि संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत अनुसूचित जनजातियों को इस कानून से बाहर रखा गया है ताकि उनके पारंपरिक रीति-रिवाजों का संरक्षण किया जा सके।बेटियों को संपत्ति में समान अधिकार, लिव-इन संतानें भी होंगी लाभान्वितमुख्यमंत्री ने बताया कि यूसीसी के अंतर्गत अब सभी धर्मों और समुदायों की बेटियों को संपत्ति में समान अधिकार प्रदान किए गए हैं। बच्चों के अधिकारों में भी किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया गया है। इसके साथ ही लिव-इन रिलेशनशिप से जन्मे बच्चों को भी संपत्ति में बराबरी का हक मिलेगा। वहीं माता-पिता को भी संतान की संपत्ति में अधिकार दिए गए हैं, जिससे बुजुर्गों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।—अगर आप चाहें तो मैं इसका छोटा संस्करण या बुलेट पॉइंट्स में सारांश भी बना सकती हूँ।

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संपादक : एफ यू खान

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