आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला होना चाहिए खत्म: केके अग्रवाल

काशीपुर। पूर्व विधायक व महापौर में छिड़ी जुबानी जंग पर धर्मयात्रा महासंघ ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों की छिड़ी बयानबाजी काशीपुर के लिए चिंता का विषय बन गई है। इसी को लेकर प्रेस को जारी एक बयान में धर्मयात्रा महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री केके अग्रवाल एडवोकेट ने कहा कि पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा द्वारा महापौर दीपक बाली की कार्यप्रणाली पर उठाये गये सवालों से छिड़ी जुबानी जंग अब समाप्त होनी चाहिये। यह विवाद यदि शीघ्र ही न थमा तो हमारे परिवार में दरार पड़ सकती है। परिवार टूट सकता है। हमारे विचार में इस पारिवारिक विवाद का हमारे विरोधी भी मजा ले रहे हैं। जिससे हमें सावधान रहने की आवश्यकता है। परिवार में चाहे वैचारिक विवाद ही क्यों न हो हर छोटे बड़े सदस्य को कष्ट होता है। काशीपुर में निवास करने वाले एक वरिष्ठ नागरिक भाजपाई न सही के नाते ही सही, श्री चीमा व श्री बाली के बीच चल रही छिड़ी बयान बाजी हमारे लिये चिंता का विषय बन गई है। उन्होंने कहा कि किये जाने वाले विकास के कार्यों को प्रारम्भ करने से पूर्व निर्णय लेते समय अपने से अधिक समय से समाज सेवा में लगे अनुभवियों का परामर्श लेने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहियें। समाज की एक परम्परा भी रही है कि हम अपने पारिवारिक उत्सवों में परिवार के बुजुर्गों का परामर्श लेते हैं जिससे उन्हें भी खुशी होती है और हमें उनके अनुभवों का आशीर्वाद मिल जाता है। अच्छे परिणाम सामने आते हैं। मंत्री मण्डल विचार विमर्श भी तो इसी परम्परा का आधार है। कहा कि धर्मग्रन्थों में भी वर्णन आता है कि सेतु रचना के समय सर्वसामर्थवान प्रभु श्री राम ने सेतु निर्माण से पूर्व बानर राज सुग्रीव, जामवंत जी, हनुमंतलाल जी व भक्तराज विभीषण आदि से परामर्श लेकर ही सेतुनिर्माण का कार्य प्रारम्भ किया था। हमारे जनप्रतिनिधि यदि इस प्रसंग से शिक्षा लें तो लाभकारी प्रतीत होता है। इसके साथ ही हमारे वरिष्ठजन का भी दायित्व बनता है कि वह अनुज द्वारा किये गये विकास कार्यों के प्रति उन्हें हतोत्साहित करने के बजाय उनका उत्साहवर्धन करें, ताकि विकास की गाड़ी का पहिया न रूके।

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संपादक : एफ यू खान

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