नेपाली नागरिकों को बंधक बनाकर रखने के मामले में तीन आरोपी गिरफ्रतार

काशीपुर। दो दर्जन से अधिक नेपाली नागरिकों को बंधक बनाकर रखने के मामले में पुलिस ने थाने में बुलाकर पूछताछ के बाद तीन आरोपियों को गिरफ्रतार किया है। आरोपियों से पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं। आरोपियों ने पहले सभी नागरिकों को रुद्रपुर के थाना ट्रांजिट कैंप क्षेत्र में चार महीने इसके बाद दो महीने से काशीपुर में बंधक बनाकर रखा था। आरोपी बंधकों को बेहद कम खाना देते थे। वृहस्पतिवार को नेपाल दूतावास के प्रतिनिधि नवीन जोशी ने रुद्रपुर के ट्रांजिट कैंप थाने में शिकायत कर बताया कि कुछ नेपाली नागरिकों को काशीपुर में किसी अज्ञात स्थान पर बंधक बनाकर रखा गया है। सीओ काशीपुर दीपक कुमार के निर्देशन में श्यामपुरम की ओम विहार कॉलोनी में महाराज सिंह उर्फ पप्पू के मकान में दबिश देकर 32 नेपाली नागरिकों को तीन बंद कमरों से बरामद किया गया। पीड़ितों को 6 माह पहले उन्हें बिरेंद्र शाही पुत्र छत्र शाही निवासी धनगढ़ी जिला डोटि नेपाल और सचिन पुत्र शैलेन्द्र निवासी कूडालंबी थाना खानपुर जिला गाजीपुर यूपी, हाल निवासी आवास विकास काशीपुर नौकरी के नाम पर बहला-फुसलाकर भारत लाए थे। शनिवार को यहां थाना आईटीआई में एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस टीम के द्वारा आरोपी बिरेंद्र शाही, सचिन कुमार के साथ मनीष तिवारी पुत्र पूरन चंद तिवारी निवासी रातीघाट थाना भवाली नैनीताल हाल निवासी आस्था एनक्लेव दक्ष चौक के पास रुद्रपुर को गिरफ्रतार किया गया है। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वह दिल्ली की एक कंपनी से जुड़े हुए हैं, जिसमें कि चैन सिस्टम के द्वारा काम किया जाता है, लेकिन वह लोग सिस्टम का पालन न करते हुए लोगों के साथ धोखाधड़ी कर पैसे वसूल रहे थे। पुलिस टीम में आईटीआई थाना प्रभारी कुंदन रौतेला, एसआई महेश कांडपाल, एसआई प्रकाश सिंह बिष्ट, एसआई विजय कुमार, एएसआई पुष्कर भट्ट, चंद्र प्रकाश बवाड़ी, सिराज हुसैन थे।

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संपादक : एफ यू खान

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