अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है काशीपुर का रोडवेज बस अड्डा

काशीपुर। लगभग 40 वर्षों से बना रोडवेज परिसर व कार्यशाला का भवन अब देखरेख के अभाव में जर्जर हालत में पहुंचने लगा है। बारिश के दौरान छतों से पानी टपकने से आवश्यक दस्तावेज व कंप्यूटर तक खराब हो चुके हैं। बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।काशीपुर वासियों के लिए वर्ष 1982 में रोडवेज बस स्टेशन की स्थापना तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने की थी। बताया जाता है जब तक यह स्टेशन यूपी के अंडर में रहा इसकी देखभाल व रंगाई-पुताई समय-समय पर हुआ करती थी। उत्तराखड राज्य गठन के बाद यह उत्तराखड परिवहन निगम के अधीन हो गया। बताया जाता है राज्य गठन के बाद कई वर्ष पहले इसके भवन की एक बार टूट-फूट व रंगाई-पुताई हुई थी, इसके बाद किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने इस ओर मुड़ कर नहीं देखा जिसके चलते बस स्टेशन का भवन व कार्यशाला समय गुजरने के साथ जीर्णशीर्ण होने लगा है। कार्यशाला के कक्षों का प्लास्टर टूट कर गिरने लगा है। जहां बसें रिपेयर की जाती हैं उसका टिनशेड गल चुका है। बारिश के दौरान छत से पानी टपकता है। कर्मचारियों ने बताया कि बारिश में पानी टपकने से दस्तावेज व कंप्यूटर खराब हो चुके हैं।वरिष्ठ केंद्र प्रभारी, अनवर कमाल ने बताया कि डिपो प्रशासन कई बार अपने स्तर से रिपेयर करा देता है। यहां से लगभग 56 बसों का संचालन किया जाता है। डिपो का लक्ष्य प्रतिदिन का दस से साढ़े दस लाख रुपये का है जिसके सापेक्ष डिपो 80 फीसदी आमदनी कर लेता है। बावजूद इसके डिपो परिसर के हालात बुरे हैं। इस संबंध में पूर्व में कई बार एआरएम स्तर से पत्रचार किया जा चुका है। लेकिन अभी तक किसी ने भी इस और ध्यान नहीं दिया है।

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संपादक : एफ यू खान

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