काशीपुर। एक बार फिर उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सर गर्मियां तेज हो चली हैं । हाई कोर्ट ने पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी थी, जिस पर दोबारा हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव को हरी झंडी दे दी है। जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधानो के चेहरों पर एक बार फिर मुस्कुराहट आ गई है। इसी क्रम में त्रिस्तरीय चुनाव में जिन लोगों ने चुनाव लड़ने की मन में ठानी थी वह पुन चुनाव मैदान में सक्रिय हो गए हैं। बात करें बांसखेड़ा खुर्द की जो पिछड़ी अनारक्षित सीट है, यहां पर कई दावेदार अपनी दावेदारी ठोक चुके हैं, लेकिन यहां पर ग्राम प्रधान के प्रबल दावेदार बांसखेड़ा खुर्द से असलम अली एडवोकेट की मजबूत दावेदारी मानी जा रही हैं। यहां बता दे की असलम अली एडवोकेट पढ़े लिखे एक शिक्षित व्यक्ति हैं और उन्हें गांव की समस्याओं के बारे में विस्तार से जानकारी है । उन्होंने गांव के लिए कुछ कर गुजरने की चाह को लेकर ग्राम प्रधान चुनाव लड़ने का फैसला किया । उन्होंने कहा कि वैसे तो पूर्व प्रधानों ने भी गांव की समस्याओं के लिए काफी आगे कदम उठाए लेकिन असलम अली एडवोकेट ने कहां की इस समय बांसखेड़ा खुर्द गांव में कूड़ा निस्तारण, बारात घर, पंचायत भवन, सड़कों की जर्जर हालत, चिकित्सा सुविधा, बालिका स्कूल की समस्या राशन कार्ड, विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन का पूरी तरीके से अभाव है। अगर वह इस बार बासखेड़ा खुर्द की कमान संभालते है तो वह इन सारी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर लेंगे। बांसखेड़ा खुर्द की मूलभूत समस्या एक आम बात हो चली है। उन्होंने कहा कि अगर जनता का प्यार उनको मिलता है तो वह इन सारी समस्याओं का निस्तारण अवश्य करेंगे। प्रधान चुनाव में बासखेड़ा खुर्द से असलम अली एडवोकेट इस सीट पर सबसे मजबूत दावेदारों में से एक माने जा रहे हैं। उनका मानना है कि अगर ग्रामीणों ने उन्हें चुना तो वह गांव की मूलभूत समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर उठाएंगे और उसका निराकरण भी करेगे।

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