काशीपुर। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सर गर्मियां तेज हो चली हैं । बीते दिनों आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट ने पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी थी, जिस पर दोबारा हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव को हरी झंडी दे दी है। जिससे जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधानो के चेहरों पर एक बार फिर मुस्कुराहट आ गई है। इसी क्रम में त्रिस्तरीय चुनाव में जिन लोगों ने चुनाव लड़ने की मन में ठानी थी वह पुन चुनाव मैदान में सक्रिय हो गए हैं। बात करें धीमरखेड़ा की सामान्य सीट है, यहां पर कई दावेदार अपनी दावेदारी ठोक चुके हैं, लेकिन यहां पर ग्राम प्रधान की प्रबल दावेदारी धीमरखेड़ा से सोनू कुमार एडवोकेट की मजबूत मानी जा रही हैं। यहां बता दे की सोनू कुमार एडवोकेट धीमरखेड़ा से पिछले प्रधान चुनाव में मात्र 18 वोटो से रह गए थे, लेकिन इस बार ग्रामीणों ने उन्हें अपना प्रिय मानते हुए बंपर वोटो से जीताने का आश्वासन दिया है। सोनू कुमार पैशे से एक एडवोकेट हैं और शिक्षित हैं सरल स्वभाव के धनी सोनू कुमार एडवोकेट पूरे ग्राम में सबके प्रिय हैं। इस बार ग्रामीणों ने सोनू कुमार एडवोकेट को अपना प्रधान बनाने की ठानी है। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सोनू कुमार एडवोकेट ने कहा की इस समय धीमरखेड़ा गांव में 4343 वोटर है और धीमरखेड़ा में लगभग चार गांव और आते हैं जिसमें चौबे जी का मझरा, जोशी मझरा, पार का मझरा और खोखरा ताल आता है। उन्होंने कहा कि यहां पर कूड़ा निस्तारण, बारात घर, पंचायत भवन, सड़कों की जर्जर हालत, चिकित्सा सुविधा, राशन कार्ड, विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन का पूरी तरीके से अभाव है। अगर वह इस बार धीमरखेड़ा की कमान संभालते है तो वह इन सारी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर लेंगे। धीमरखेड़ा की मूलभूत समस्या एक आम बात हो चली है। उन्होंने कहा कि अगर जनता का प्यार उनको मिलता है तो वह इन सारी समस्याओं का निस्तारण अवश्य कराएंगे। ग्राम प्रधान चुनाव में सोनू कुमार एडवोकेट इस सीट पर सबसे मजबूत दावेदारों में से एक माने जा रहे हैं। इनका मानना है कि अगर ग्रामीणों ने उन्हें चुना तो वह गांव की मूलभूत समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर उठाएंगे और उसका निराकरण भी करेंगे।

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