महापौर दीपक बाली को सैल्यूट कर रही है काशीपुर की जनता

काशीपुर। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में पड रही मूसलाधार बारिश के चलते और बादल फटने से कई इलाकों में तबाही देखने को मिल रही है, इसी के चलते मैदानी क्षेत्रों में भी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रशासनिक अमला मैदानी क्षेत्रों में मुनादी कराते नजर आ रहा हैं, की पहाड़ों की बारिश से यहां भी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है । ग्रामीण क्षेत्र के लोगों से प्रशासन सतर्क रहने की बात कह रहा है और प्रशासन पूरी तरह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहा है। पहाड़ों से आ रहे पानी से जगह जगह भयंकर पानी भर रहा है और पहाड़ी इलाकों में मूसलाधार बारिश से जन जीवन अस्त वयस्त हो चला है । इस देवीय आपदा पर किसी का जोर नही है। किसी भी व्यक्ति के पास जादुई छड़ी नहीं होती कि वह चंद दिनों में देवीय आपदा जैसी स्थिति से निपट सके। पहाड़ी इलाकों में जहां भूस्खलन और तबाही की तस्वीरें सामने आई हैं, वहीं मैदानी क्षेत्रों में जलभराव ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। खासकर काशीपुर जैसे शहरी क्षेत्रों में जल भराव की समस्या कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस बार जनता का रुख कुछ बदला हुआ है क्योंकि शहर में नेतृत्व भी बदला है। काशीपुर में लंबे समय तक पूर्व में जल भराव की समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया गया मगर समाधान नहीं निकला। सालों से पानी की निकासी को लेकर जो दावे हुए, वो फाइलों तक सीमित रह गए।अब काशीपुर को नया मेयर मिला है दीपक बाली। बीजेपी से जुड़े दीपक बाली ने मेयर का कार्यभार संभालते ही जलभराव और सीवरेज की समस्याओं को लेकर सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है। शहर में लगातार नालियों की सफाई, नई पाइपलाइन की प्लानिंग और जलभराव वाले क्षेत्रों की मैपिंग की जा रही है। लेकिन इसी बीच कुछ लोगों द्वारा दीपक बाली को निशाना बनाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर उन्हें बेवजह ट्रोल किया जा रहा है और कामकाज पर सवाल उठाए जा रहे हैं। सवाल यह है कि क्या कुछ ही महीनों में कोई नया मेयर किसी वर्षों पुरानी समस्या का समाधान पूरी तरह कर सकता है, जनता का भी कहना है कि दीपक बाली ने जिस गति से काम शुरू किए हैं, उससे ये भरोसा जगा है कि भविष्य में काशीपुर को जलभराव जैसी परेशानियों से राहत मिल सकती है। जनता मानती है कि दीपक बाली फिलहाल शहर की ज़रूरतों को समझ रहे हैं और पहली बार इस पद पर होने के बावजूद उन्होंने कई महत्वपूर्ण बड़े विकास कार्य शुरू कर दिए हैं।लेकिन कुछ चुनिंदा लोग, जो शायद राजनीतिक या व्यक्तिगत स्वार्थ से प्रेरित हैं, दीपक बाली को बदनाम करने की कोशिश में जुटे हैं। योजनाबद्ध तरीकों से उनके कार्यकाल को विवादित करने की कोशिशें की जा रही हैं।साफ है कि काशीपुर की जनता अभी दीपक बाली को समय देना चाहती है। समस्याएं नई नही हैं, लेकिन समाधान की रफ्तार जरूर तेजी पकड़ रही है। नव निर्वाचित महापौर भी जनता का एक अंग है और उनके पास कम समय में कोई जादुई छड़ी नहीं जो दिखाएं और काम हो जाए, काम का एक सिस्टम होता है, जिसको दीपक बाली बखूबी निभा रहे हैं, उंगली उठाना बड़ा आसान होता है मगर धरातल पर कार्य करना बहुत मुश्किल कार्य है। यहां बता दे की प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी का यह गृह जनपद है और वह हर इलाके को अपना घर मानते हुए विकास कार्य कर रहे हैं, हालांकि काशीपुर को उन्होंने वास्तव में एक नई दिशा दी है और उनके दिशा निर्देशों पर महापौर दीपक बाली कार्य कर रहे हैं, लेकिन देवीय आपदा से निपटने के लिए मुख्यमंत्री स्वयं जिला अधिकारियों से वर्चुअल मीटिंग कर दिशा निर्देश दे रहे हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी स्वयं जाकर स्थिति का जायजा भी ले रहे हैं। हालांकि नदियों का जलस्तर बढ रहा है इसको लेकर टिप्पणी करना आसान है लेकिन धरातल पर कार्य करना बहुत मुश्किल, जिस तरीके से मूसलाधार बारिश से जल भराव हुआ है उस जल भराव को जल भराव नहीं कहेंगे क्योंकि 3 दिन से लगातार पड रही मूसलाधार बारिश से जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो जाना स्वाभाविक है लेकिन सवाल इस बात का है की दीपक बाली के प्रयासों के चलते पानी की निकासी कितनी अच्छी रही की पानी रुका ही नहीं जिसे जनता बखूबी बेहतर मान रही है और दीपक बाली की प्रशंसा करते नहीं थक रही और काशीपुर की जनता उन्हें सेल्यूट कर रही है।

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संपादक : एफ यू खान

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