हर्षिल घाटी में मौसम बिगड़ा, राहत सामग्री लेकर जा रहे हेलिकॉप्टर लौटे; धराली आपदा में लापता लोगों की खोज जारी

उत्तरकाशी। धराली आपदा का आज नौवां दिन है और अब तक 68 लोगों के लापता होने की पुष्टि हो चुकी है। लापता लोगों की तलाश के लिए चौतरफा प्रयास जारी हैं, लेकिन हर्षिल घाटी में खराब मौसम के कारण राहत एवं बचाव कार्यों में बाधा आ रही है। बुधवार को आपदा राहत सामग्री लेकर जा रहे एमआई-17 और चिनूक हेलिकॉप्टर को खराब मौसम के चलते चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर वापस लौटना पड़ा।खीरगंगा का जलस्तर बढ़ने से संपर्क पुलिया बह गई है, जिससे कई स्थानों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। लापता लोगों की खोज के लिए जीपीआर तकनीक से खोदे गए गड्ढों में भी पानी भर जाने से कार्य प्रभावित हुआ है। देहरादून से विशेषज्ञों की एक टीम भी मौसम की वजह से आपदा क्षेत्र में अध्ययन के लिए नहीं पहुंच सकी।मुखवा से धराली को जोड़ने वाला एकमात्र झूला पुल भी खतरे में है। सेना, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने निरीक्षण कर लोक निर्माण विभाग को पुल को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। पुल की उम्र अधिक होने और पानी से कटाव के कारण इसकी विंड केबल टूट चुकी है, जिसे तुरंत ठीक करने की जरूरत बताई गई है।आपदा प्रबंधन विभाग अब मोबाइल लोकेशन के आधार पर लापता लोगों का पता लगाने की तैयारी कर रहा है। सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया कि लापता लोगों के मोबाइल नंबरों की मूवमेंट और टावर लोकेशन की जांच की जाएगी, ताकि उनकी अंतिम लोकेशन का पता चल सके।धराली में बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल कर दी गई है, जबकि इंटरनेट कनेक्टिविटी भी जल्द बहाल होने की उम्मीद है। सड़कों की मरम्मत और मलबा हटाने का कार्य जारी है। गंगोत्री से धराली और हर्षिल से सोनगाड़ तक यातायात फिलहाल ट्रांसशिप के माध्यम से सुचारू किया जा रहा है।इस बीच, आपदा में अपनी जेसीबी मशीन खो चुके अलेथ गांव निवासी यशपाल सिंह रावत ने जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। यशपाल का कहना है कि बैंक से कर्ज लेकर खरीदी गई मशीन उनके परिवार की आजीविका का मुख्य साधन थी, जो अब पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है।

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संपादक : एफ यू खान

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