काशीपुर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को काशीपुर में एक निजी होटल में अयोजित विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया व विभाजन विभीषिका स्मृति स्थल का शिलान्यास भी किया मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभाजन विभिषिका स्मृति दिवस पर विभाजन का दंश झेलने वाले बलिदानियों को नमन करते हुए उन्होंने कहा देश कि विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस दिन भारत दो देशों में विभाजित हुआ। एक ओर 1947 को आजादी का जश्न मना रहे थे तो दूसरी ओर देश के विभाजन का भी हमने दुःख सहा है।

भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के कारण सामने आई परिस्थितियों को देखते हुए भारत दो टुकड़ों में विभक्त हुआ। लाखों लोग इधर से उधर हुए उनका घर-बार छूटा, परिवार छूटा, लाखों जानें गईं। भारत के लिए यह किसी विभीषिका से कम नहीं था। वर्ष 2021 में इसी दर्द को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 14 अगस्त को ’’विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’’ मनाने का निर्णय लिया। तब से यह दिन मनाया जा रहा है, जिससे हम अपने उन लाखों सेनानियों व परिवारजनों से बिछड़े लोगों के बलिदान को याद कर सके। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि इस विभाजन में अपने प्राणों की आहूति देने वाले कई सेनानियों व अन्य लोगों का अंतिम संस्कार भी नहीं हो पाया था। यह दिन उन सभी सेनानियों की याद दिलाता है जिन्होंने भारत माँ के लिए बलिदान दिया। भारत के बंटवारे ने सामाजिक एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाओं को तार-तार कर दिया था। मुख्यमंत्री ने वैमनस्य और दुर्भावना का दृढ़तापूर्वक सामना करने वाले, प्रत्येक व्यक्ति के प्रति अपनी सहानुभूति प्रकट की। उन्होंने कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम देश को स्वतंत्र कराने वाले और देश के विभाजन की यातनाएं झेलने वाले मां भारती के प्रत्येक सपूत के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें। विभाजन विभीषिका की पीड़ा सह चुके लोगों ने ही इस क्षेत्र के विकास की नींव रखी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में उत्तराखंड निरंतर विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता के साथ सख्त धर्मान्तरण क़ानून, नकल विरोधी कानून लागू करने के साथ ही प्रदेश में लैण्ड जिहाद थूक जिहाद पर अंकुश लगाने के लिए कठोर कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिन जगहों पर अतिक्रमण हुआ है उन्हें हटाने का कार्य भी जारी है। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य में किसी के साथ भी अन्याय नहीं होने दिया जाए। उन्होंने कहा कि गोविन्द घाट से हेमकुण्ड साहिब तक रोपवे का निर्माण के साथ ही विभिन्न स्थानों पर विभाजन विभीषिका स्मृति स्थलों का निर्माण कराया जा रहा है। सूबे के कृषि, ग्राम्य विकास एवं सैनिक कल्याण मंत्री व जनपद के प्रभारी मंत्री गणेश जोशी ने अयोजित विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने विभाजन विभीषिका स्मृति प्रदर्शिनी का अवलोकन किया व विभाजन के दौरान बलिदान हुए लोगों की आत्मिक, शांति एवं श्रद्धांजलि हेतु हवन यज्ञ में भी प्रतिभाग किया। साथ ही विभाजन विभीषिका पर आधारित लघु फिल्म का अवलोकन भी किया। उन्होंने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विभाजन विभीषिका के बलिदानियों को नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2021 में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का निर्णय लिया इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने हाल ही में कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा किये गए कृत्य पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हमारी सेना ने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर तबके, हर क्षेत्र के सर्वागीण विकास के लिए कार्य कर रहे है। वहीं हमारे सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा सरकार सबके सबके विकास के मूल मंत्र पर कार्य कर रही है। पूर्व केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री सांसद श्री अजय भट्ट ने कहा कि आजादी के दौरान बड़े स्तर पर लोगों का पलायन हुआ। विभाजन के दौरान हमारे पूर्वजों ने कष्ट सहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार सी.ए.ए, लाई इससे सालों पहले अपने देश वापस लौटे लोगों को नागरिकता मिलने का रास्ता आसान हुआ है।यह भारत की धर्म निरपेक्षता को दिखाता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में बंगाल से अपने देश वापस लौटे लोगों के प्रमाण पत्रों से पूर्वी पाकिस्तान शब्द को हटाए जाने का कार्य भी हुआ है। पूर्वी पाकिस्तान शब्द गुलामी का प्रतीक था जिसे अब समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के मनाये जाने से हमारी आने वाली नई पीढ़ी को चैतन्य होकर सबक लेना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृति न झेलनी पड़े।उन्होंने इस शानदार कार्यक्रम के लिए महापौर दीपक बाली की जमकर प्रशंसा की। महापौर और कार्यक्रम संयोजक दीपक बाली ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने इस देश की आजादी के लिए विभाजन का दंश झेला है। बीते 75 सालों में संविधान में कई बदलाव किए गए परंतु पहली बार इतिहास में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सीएए जैसा कानून लाकर पलायन कर भारत लौटे अनगिनत नागरिकों को नागरिकता देने का काम किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री धामी से विस्थापित पंजाबी व अन्य जातियों के लोगों को दी गई लीज भूमि का मालिकाना हक देने, गरीब निर्धन पंजाबी परिवारों को आर्थिक साहयता देने एवं स्मृति स्थल पर लाला लाजपत राय की प्रतिमा स्थापित करने की मांग रखी। इस दौरान कार्यक्रम में आये विभाजन के दौरान असीम यातनाएं सहने वालों व उनके परिजनों को अंग वस्त्र व प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, महापौर रुद्रपुर विकास शर्मा, नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष अजय मौर्य, ब्लॉक प्रमुख चंद्र प्रभा, रविंद्र राणा, दर्जा मंत्री दिनेश मानसेरा, फरजाना बेगम, शायरा बानो, जिलाध्यक्ष मनोज पाल, कमल जिंदल, पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा, स्वामी हरि चैतन्यपूरी महाराज, राम मेहरोत्रा, खिलेन्द्र चौधरी, पुष्कर काला, अनिल डाबर मुकेश चावला मुक्ता सिंह जसवीर सिंह सैनी समरपाल सिंह सत्यवान गर्ग, आशीष गुप्ता रमेश सहगल प्रकाश नेगी राजीव ठुकराल, महेन्द्र प्रधान डॉ यशपाल रावत, शशांक गहतौड़ी, कल्पना राना, प्रियंका अग्रवाल, ललित बाली, बीना नेगी, सुरेश सैनी, जगदीश राज बाली संजय भाटिया अमन बाली लवीश अरोरा राहुल पैगिया मोहन बिष्ट डा तिवारी डा युनुस चौधरी पंकज टंडन अनिल डाबर, अश्वनी छाबड़ा, शोभित गुड़िया, मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी, अधिशासी निदेशक चीनी, ए पी बाजपेई, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ के के अग्रवाल, उपजिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह सहित सैकड़ों गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का शानदार संचालन अमित नारंग ने किया।

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