देहरादून। उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (STF) साइबर क्राइम टीम ने एक अंतरराज्यीय साइबर ठगी गिरोह की महिला सदस्य को गिरफ्तार किया है। चंडीगढ़ (पंजाब) से पकड़ी गई आरोपी महिला चरणजीत कौर, मोहाली निवासी है, जो फर्जी बैंक खातों और मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करके लोगों से करोड़ों रुपये ठगने वाले नेटवर्क का हिस्सा थी।देहरादून निवासी एक पीड़िता ने मई 2025 में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसे अमेरिका आधारित नंबर से व्हाट्सएप कॉल आया, जिसमें कॉल करने वाली ने खुद को सरकारी एजेंसी की अधिकारी बताया। फर्जी पहचान और प्रोफाइल का इस्तेमाल करके विश्वास जीतने के बाद आरोपी ने पीड़िता को “गोल्ड का बिजनेस शुरू करने” का झांसा दिया। धीरे-धीरे महिला से लगभग 40 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए गए।STF की जांच में पता चला कि आरोपी ने अंतरराष्ट्रीय व्हाट्सएप नंबर, नकली पहचान और तकनीकी माध्यमों के जरिए पीड़िता को मानसिक रूप से नियंत्रित कर लिया था। डेटा विश्लेषण और बैंक डिटेल्स की छानबीन के बाद पुलिस ने आरोपी की पहचान कर उसे चंडीगढ़ से दबोच लिया।गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उसके पास से 04 मोबाइल फोन, 05 सिम कार्ड, 01 आधार कार्ड, 03 डेबिट कार्ड, चेकबुक, यूपीआई स्कैनर और एयरलाइन टिकट बरामद किए। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि आरोपी के खातों से पिछले 1-2 माह में लाखों रुपये का लेन-देन हुआ है और उसके खिलाफ गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में भी साइबर ठगी की शिकायतें दर्ज हैं।STF की टीम में निरीक्षक आशीष गुसाई, म0 उ0नि0 प्रतिभा, उ0नि0 हिम्मत सिंह और कानि0 मोहित शामिल रहे। तकनीकी सहयोग हे0 कानि0 राजाराम ने प्रदान किया।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक STF, नवनीत सिंह ने जनता को “डिजिटल अरेस्ट स्कैम” से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोई भी एजेंसी जैसे CBI, ED या साइबर क्राइम व्हाट्सएप पर नोटिस भेजकर डिजिटल अरेस्ट नहीं करती। अगर कोई व्यक्ति फर्जी दस्तावेज या किसी अपराध के नाम पर धमकाकर पैसे मांगता है, तो तुरंत 1930 साइबरक्राइम हेल्पलाइन या चाक्षु पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें। साथ ही जनता को चेताया गया कि किसी भी फर्जी वेबसाइट, धन दोगुना करने के झांसे, ऑनलाइन टिकट बुकिंग या फ्रेंचाइज़ी ऑफर में न फंसे और गूगल से कस्टमर केयर नंबर सर्च करने से बचें।

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