बिलकुल — यहाँ आपकी दी हुई खबर का मज़बूत और स्पष्ट हिंदी संस्करण है:—उत्तराखंड भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामला: पुलिस को अब तक किसी संगठित गिरोह की संलिप्तता नहीं मिली, कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशानादेहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तर की परीक्षा के कथित पेपर लीक मामले में पुलिस को अब तक किसी संगठित गिरोह की संलिप्तता नहीं मिली है। पुलिस ने रविवार (22 सितंबर 2025) को बताया कि जांच में मजबूत साक्ष्य मिले हैं, जिनके आधार पर कार्रवाई जारी है। वहीं कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है।पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सामाजिक कार्यकर्ता बॉबी पंवार पर भी शक है कि उन्होंने बिना पुष्टि के प्रश्नपत्र के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल कर मामले को सनसनीखेज बनाने की कोशिश की।आयोग के अध्यक्ष गणेश सिंह मर्तोलिया ने कहा, “यह पूर्ण पैमाने पर पेपर लीक का मामला नहीं है, लेकिन प्रश्नपत्र के तीन पन्ने लीक होना चिंता का विषय है। यदि ये पन्ने लीक हुए हैं तो संभव है कि इन्हें कहीं और ले जाया गया हो या किसी ने हल किया हो।” उन्होंने बताया कि सभी परीक्षा केंद्रों पर मोबाइल जैमर लगाए गए थे, फिर भी कुछ पन्ने लीक कैसे हुए, यह हैरानी की बात है।उन्होंने बताया कि आयोग ने देहरादून एसएसपी और विशेष कार्यबल (एसटीएफ) से जांच की मांग की है। साथ ही आयोग आंतरिक स्तर पर भी यह पता लगाने में जुटा है कि आखिर किस केंद्र से प्रश्नपत्र के पन्ने बाहर गए।इससे पहले शनिवार (20 सितंबर) को पुलिस ने हाकम सिंह (निवासी उत्तरकाशी) और उसके सहयोगी पंकज गौड़ को गिरफ्तार किया था। हाकम सिंह को इससे पहले भी ऐसे मामलों में गिरफ्तार किया जा चुका है।

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