देहरादून।उत्तराखंड राज्य के गठन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में राज्य विधानसभा का एक विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है। विधानसभा सचिवालय ने राज्यपाल की अनुमति के बाद इस विशेष सत्र की औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी है। यह सत्र 3 और 4 नवंबर को देहरादून स्थित विधानसभा भवन में आयोजित होगा।राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष (25वीं वर्षगांठ) को खास बनाने के लिए सरकार ने इस सत्र को ऐतिहासिक स्वरूप देने की तैयारी की है। इस दौरान उत्तराखंड के विकास, उपलब्धियों, और भविष्य की दिशा पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सत्र उत्तराखंड की विकास यात्रा के मूल्यांकन का अवसर होगा। उन्होंने बताया कि राज्य ने 25 वर्षों में कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है, लेकिन अब लक्ष्य ‘विकसित उत्तराखंड 2030’ की ओर बढ़ना है। उन्होंने सभी विधायकों से अपील की है कि वे इस विशेष सत्र में सक्रिय भागीदारी करें और राज्य के हित में रचनात्मक सुझाव दें।विधानसभा अध्यक्ष ने भी कहा कि यह सत्र केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक विचार मंथन का मंच होगा, जहां राज्य की नीतियों, चुनौतियों और प्राथमिकताओं पर खुलकर संवाद होगा।सूत्रों के अनुसार, इस दौरान उत्तराखंड के गठन आंदोलन के योगदानकर्ताओं को भी सम्मानित किया जा सकता है। साथ ही, राज्य की प्रमुख उपलब्धियों पर आधारित एक प्रदर्शनी लगाने और विशेष दस्तावेज़ जारी करने की भी तैयारी है।सत्र के दौरान विकास, पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार जैसे मुद्दों पर विशेष प्रस्ताव पारित होने की संभावना है। इसके अलावा, राज्य की नई नीतियों और योजनाओं पर भी चर्चा होगी, जो अगले 25 वर्षों की दिशा तय करेंगी।राज्यपाल की मंजूरी के बाद जारी अधिसूचना में कहा गया है कि 3 और 4 नवंबर को विधानसभा का यह विशेष सत्र रजत जयंती समारोहों का एक प्रमुख हिस्सा होगा, जिसमें राज्य के गौरवशाली इतिहास और संघर्ष की गाथा को याद किया जाएगा।
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