नई दिल्ली। दीवाली के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता का स्तर खतरनाक रूप से गिर गया है। गुरुवार सुबह सात बजे तक भी हवा की स्थिति ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। वायु गुणवत्ता निगरानी पोर्टल aqi.in के अनुसार, दिल्ली में औसतन एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 232 रिकॉर्ड किया गया। यह स्तर साफ तौर पर प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है, जो दीवाली के दौरान हुई आतिशबाजी, वाहनों के धुएं और मौसम में बदलाव का परिणाम है। दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों में प्रदूषण का स्तर और भी गंभीर दर्ज किया गया। पूसा क्षेत्र में AQI 239, आईटीआई शारदा में 253, जबकि नोएडा सेक्टर-116 में 215 पाया गया। गाजियाबाद के इंदिरापुरम में 189 और गुरुग्राम में 205 दर्ज किया गया। इन सभी जगहों पर हवा ‘खराब’ श्रेणी में रही, जिससे सांस संबंधी दिक्कतें और आंखों में जलन जैसी शिकायतें बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि जब AQI 200 से ऊपर जाता है, तो यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो जाता है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों के लिए यह स्थिति और भी ज्यादा नुकसानदायक साबित होती है। इस दौरान खुले में व्यायाम करने या लंबे समय तक बाहर रहने से बचने की सलाह दी गई है। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। निर्माण कार्यों पर निगरानी बढ़ाई जा रही है और सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है ताकि धूल और प्रदूषक कणों को कम किया जा सके। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंडी हवाओं के कारण प्रदूषक तत्व वातावरण में ज्यादा देर तक जमे रहते हैं, जिससे अगले कुछ दिनों तक स्थिति में सुधार की संभावना बहुत कम है। अगर हालात ऐसे ही रहे तो हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में भी पहुंच सकती है, जो आम जनजीवन और स्वास्थ्य दोनों के लिए गंभीर खतरा साबित होगी।

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