उत्तराखंड में मोबाइल पॉलिसी की तैयारी, बच्चों की मेंटल हेल्थ और पढ़ाई पर असर को देखते हुए स्कूलों में लागू होगा नया नियम

देहरादून। अगर आपका बच्चा मोबाइल का अधिक उपयोग करता है तो यह खबर आपके लिए खास है। उत्तराखंड सरकार अमेरिका, चीन और जापान जैसे देशों के अनुभव से सीख लेकर बच्चों के लिए विशेष मोबाइल पॉलिसी लाने की तैयारी में है। इस पहल में शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग दोनों मिलकर काम कर रहे हैं। इसका उद्देश्य बच्चों के मोबाइल इस्तेमाल के दुष्प्रभावों को रोकना और उनके मानसिक व शैक्षणिक विकास को सुनिश्चित करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही घर के एक कॉर्नर को नो मोबाइल जोन बनाने की सलाह दी थी, और अब इसे राज्य स्तर पर नीति के रूप में लागू करने की योजना बनाई जा रही है।दून मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग की प्रमुख डॉ. जया नवानी के अनुसार, मोबाइल का अत्यधिक इस्तेमाल बच्चों में भूलने की आदत, आलस और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याओं को जन्म दे रहा है। उन्होंने कहा कि इस पर नियंत्रण के लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी अभिभावकों की है, लेकिन स्कूल और सरकारी स्तर पर भी मार्गदर्शन देना आवश्यक है। इसी क्रम में शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. मुकुल सती ने बताया कि बच्चों के लिए मोबाइल इस्तेमाल के नियम और दिशानिर्देश तैयार किए जा रहे हैं, जिसमें यह तय किया जाएगा कि मोबाइल का उपयोग किस हद तक हो, और उसे कैसे आउटडोर एक्टिविटी और पढ़ाई के साथ संतुलित किया जा सके।स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी एक प्रपोजल तैयार किया जा रहा है, जिसमें मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से बच्चों की मानसिक स्थिति और शारीरिक गतिविधियों पर पड़ने वाले प्रभावों का विश्लेषण किया जा रहा है। नीति के लागू होने के बाद स्कूलों में मोबाइल के दुष्प्रभाव को सिलेबस का हिस्सा बनाया जाएगा और बच्चों व अभिभावकों को इसके प्रति जागरूक किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पॉलिसी बच्चों की मेंटल हेल्थ और शैक्षणिक प्रगति दोनों के लिए अहम साबित होगी।

Profile Picture

संपादक : एफ यू खान

संपर्क: +91 9837215263

संबंधित ख़बरें

Leave a Comment