श्री गुरुदत्त बाठला की आंखें देहावसान के पश्चात बिखेरेंगी दुनिया में रोशनी



काशीपुर। काशीपुर निवासी श्री गुरुदत्त बाठला के देहावसान के पश्चात उनके सुपुत्र श्यामलाल बाठला, राजेश बाठला एवं संजीव बाठला ने नेत्रदान की सहमति प्रदान कर एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। समाज सेवा एवं धार्मिक कार्यों में संलग्न रहे श्री गुरुदत्त बाठला के नेत्रदान से दो नेत्रहीनों की आंखों में रोशनी लौटेगी, जिससे उनके प्रियजन उनकी स्मृति को अमरत्व प्रदान करेंगे। वसुधैव कुटुम्बकम् काशीपुर के दायित्वधारियों की उपस्थिति में रुद्रपुर से आई टीम ने आवश्यक कागजी औपचारिकताएं पूरी कर ब्रह्मलीन श्री गुरुदत्त बाठला के शरीर से दान की गई आंखों की ऊपरी परत (कॉर्निया) प्राप्त की। वसुधैव कुटुम्बकम् काशीपुर के सदस्य अक्षत बंसल ने बताया कि संस्था क्षेत्र के लोगों में नेत्रदान के प्रति जागरूकता लाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि कई लोग यह सोचते हैं कि नेत्रदान के दौरान पूरी आंख निकाल ली जाती है, जिससे आंख का सॉकेट खाली रह जाता है, जो पूरी तरह गलत है। सामान्यतः केवल कॉर्निया, जो आंख की सबसे बाहरी परत होती है, वही निकाली जाती है और नेत्रदान से शरीर की संरचना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। उन्होंने यह भी बताया कि नेत्रदान करवाने के लिए वसुधैव कुटुम्बकम् के नेत्रदान सहायता नंबर 9548799947 पर किसी भी समय संपर्क किया जा सकता है।संस्था के संस्थापक सदस्य सीए सचिन अग्रवाल ने बाठला परिवार का आभार व्यक्त करते हुए परमपिता परमेश्वर से दिवंगत आत्मा की चिरशांति की प्रार्थना की और क्षेत्रवासियों से मरणोपरांत नेत्रदान हेतु आगे आने का आह्वान किया।

Profile Picture

संपादक : एफ यू खान

संपर्क: +91 9837215263

संबंधित ख़बरें

Leave a Comment