केंद्र सरकार कर्मचारियों को बड़ी राहत देने जा रही है: 8th Central Pay Commission के तहत वेतन-पेंशन में आने वाला है ऐतिहासिक उछाल

केंद्र की वित्तीय नीति में अब एक महत्वपूर्ण मोड़ देखने को मिल रहा है क्योंकि सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग यानी 8th Central Pay Commission (8th CPC) को औपचारिक रूप से स्थापित कर उसके मापदंड तय कर लिए हैं। इस आयोग की जिम्मेदारी सिर्फ वेतन बढ़ाने की नहीं है, बल्कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों, रक्षा कर्मियों, भारतीय सेवाओं के अधिकारियों, केंद्रशासी प्रदेशों के कर्मचारियों समेत पेंशनरों की सेवापर बाद की सुविधा, ग्रेच्युटी, बोनस और विविध भत्तों की समीक्षा भी करना है। सूत्रों के अनुसार इसके तहत नए वेतनमान एवं पेंशन का क्रियान्वयन १ जनवरी २०२६ से प्रभावी किए जाने की संभावना है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि वर्तमान टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) में लगभग ६९ लाख पेंशनरों तथा परिवार पेंशनरों को शामिल नहीं किया गया है, जिसे उन्होंने अन्याय माना है और इसमें संशोधन की मांग की है। इसके अलावा, अनुमान है कि वेतन में ‘फिटमेंट फैक्टर’ के तहत लगभग १.८ से २.४६ तक की वृद्धि हो सकती है, यानी कर्मचारियों की मूल वेतन (basic pay) में ४० % से ५० % तक या इससे अधिक का उछाल संभव है। हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि आयोग की सिफारिशें फिसकल स्थिति, राजकोषीय अनुशासन तथा राज्य सरकारों पर प्रभाव को ध्यान में रखकर ही लागू होंगी, इसलिए अंतिम निर्णय में समय लग सकता है। इस प्रकार यदि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें सफल होती हैं, तो केंद्र के लाखों सेवा-मुक्त एवं सेवा में उपस्थित कर्मचारियों को न सिर्फ आजीविका-स्तर में बढ़ोतरी मिलेगी, बल्कि पेंशन एवं ग्रेच्युटी सहित अन्य वित्तीय लाभों में भी ठोस सुधार देखने को मिल सकता है — किंतु इसके लिए संगठनों को अभी भी टर्म्स ऑफ रेफरेंस में संशोधन, आवेदन प्रक्रिया, रिपोर्ट में पारदर्शिता एवं समय-सीमा के पक्का होने की आवश्यकता है, वरना यह “प्रतीक्षा का घोड़ा” ही बनकर रह सकता है।

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संपादक : एफ यू खान

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