शेख हसीना को मौत की सज़ा: बांग्लादेश में मानवता-विरोधी अपराधों पर ऐतिहासिक फैसला, ढाका में तनाव चरम पर

अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने सोमवार को 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुई सामूहिक हत्याओं, ड्रोन और हेलीकॉप्टर से भीड़ पर गोलीबारी के आदेश, छात्र कार्यकर्ता अबू सैयद की हत्या, अशुलिया में शवों को जलाकर सबूत मिटाने और चांखारपुल में प्रदर्शनकारियों की समन्वित हत्या जैसे पांच संगीन मानवता-विरोधी अपराधों में बर्खास्त प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व गृहमंत्री असदुज्ज़मान खान कमाल को मौत की सज़ा सुनाई, जबकि पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्लाह अल-मामुन को दोष स्वीकार करने पर पांच साल की सजा दी गई; फैसले के दौरान ढाका में अभूतपूर्व सुरक्षा तैनात रही, अदालत के बाहर दंगा-रोधी बल, बॉर्डर गार्ड और पुलिस तैनात रहे, वहीं फैसला आते ही ढाका विश्वविद्यालय में छात्रों ने जश्न मनाया; दूसरी ओर अवामी लीग ने लगातार हड़ताल, बंद और बड़े प्रदर्शनों की घोषणा की और आरोप लगाया कि मौजूदा अंतरिम सरकार में हिंदू समुदाय असुरक्षित है; हसीना, जो अगस्त 2024 से नई दिल्ली में निर्वासन में हैं, ने फैसले को राजनीतिक षड्यंत्र बताया और दावा किया कि उन्हें निष्पक्ष सुनवाई का अवसर नहीं मिला—नतीजतन, पूरे बांग्लादेश में तनाव, अनिश्चितता और फरवरी के राष्ट्रीय चुनावों पर गहरा साया छा गया है।

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संपादक : एफ यू खान

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