सैंणा बनेगा सेना का नया वारफेयर हब: जनरल बिपिन रावत के गांव में एडवांस ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना

पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लॉक स्थित सैंणा, जो देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) रहे जनरल बिपिन रावत का पैतृक गांव है, अब भारतीय सेना की उन्नत सैन्य तैयारियों का नया केंद्र बनने जा रहा है। गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर द्वारा हाल ही में यहां किए गए एडवांस कैंप के सफल प्रयोग के बाद सेना ने सैंणा को आधिकारिक रूप से अपने एडवांस ट्रेनिंग सेंटर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत अब जवान यहां युद्ध जैसे वास्तविक परिस्थितियों में मुकाबला करने के गुर सीखेंगे। सेना की आंतरिक रिपोर्ट के अनुसार, धरातलीय परिस्थितियों की दृष्टि से सैंणा अब तक के स्थापित सभी ट्रेनिंग सेंटरों की तुलना में अधिक उपयुक्त पाया गया है, चाहे वह दुर्गम भौगोलिक संरचना हो, चढ़ाई-उतार वाले कठिन मार्ग हों, या फिर सैनिकों की सहनशक्ति और रणनीतिक दक्षता को परखने वाली प्राकृतिक बाधाएँ—हर पहलू पर यह क्षेत्र विशेष रूप से आदर्श साबित हुआ है। सेना ने पाया कि गांव की दूरी रात में पैदल मार्च के मानकों के अनुसार बिल्कुल सटीक बैठती है, जिससे जवानों की नाइट मूवमेंट ट्रेनिंग अधिक प्रभावी और वास्तविक परिस्थितियों के अनुरूप हो पाएगी। इसके अलावा, सैंणा की ऊबड़-खाबड़ पहाड़ियां, जंगलों के बीच बने संकरे मार्ग, तेज ढलानें और बदलते मौसम की परिस्थितियाँ युद्ध जैसी चुनौतीपूर्ण स्थितियों का अनुभव दिलाने के लिए स्वाभाविक रूप से उपयुक्त मानी गई हैं। सेना के अनुसार, इस स्तर का प्रशिक्षण जवानों को न केवल पर्वतीय युद्धक रणनीतियों में पारंगत करेगा, बल्कि किसी भी कठिन ऑपरेशन में मनोवैज्ञानिक और शारीरिक मजबूती भी प्रदान करेगा। जनरल बिपिन रावत के पैतृक गांव में यह कदम उनके पर्वतीय युद्ध संबंधी सुदृढ़ अनुभव और सैन्य विरासत को भी एक नई पहचान देता है, क्योंकि वे स्वयं पहाड़ी युद्धक अभियानों के विशेषज्ञ माने जाते थे और उनकी रणनीतियाँ विश्व स्तर पर प्रशंसित रही हैं। सेना का यह निर्णय सैंणा को राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रशिक्षण मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने के साथ-साथ पूरे क्षेत्र के लिए गौरव का विषय बन गया है।

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संपादक : एफ यू खान

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