कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की कंबाइंड हायर सेकेंडरी लेवल परीक्षा के दौरान मंगलवार को महादेवी इंटर कॉलेज परिसर स्थित महादेव डिजिटल जोन में नकल का एक चौंकाने वाला हाईटेक मामला सामने आया, जिसने पूरे परीक्षा तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परीक्षा के लिए आए अभ्यर्थी दीपक को ब्लूटूथ डिवाइस के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया गया। जांच में सामने आया कि यह डिवाइस उसे परीक्षा केंद्र में ही सहायक के रूप में तैनात लकी सिंह ने मुहैया कराई थी, जो खुद सिस्टम का हिस्सा बनकर नकल गिरोह की मदद कर रहा था। योजना यह थी कि बाहर बैठा दीपक का परिचित जैश ब्लूटूथ के जरिये प्रश्न-पत्र मिलते ही उत्तर फुसफुसाकर बताएगा और दीपक उसे तुरंत परीक्षा में भर देगा। पुलिस ने दीपक को मौके से गिरफ्तार कर लिया, जबकि लकी सिंह और जैश की गिरफ्तारी के लिए दबिशें जारी हैं।यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब प्रदेश सरकार ने नकल पर रोक लगाने के लिए कड़े कानून लागू किए हैं और हाल ही में यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले के बाद सुरक्षा व्यवस्था को ‘फूलप्रूफ’ बनाने के बड़े–बड़े दावे किए गए थे। इसके बावजूद एक ऑनलाइन परीक्षा केंद्र में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का भीतर तक पहुंच जाना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि सुरक्षा जांच केवल कागजों में सख्त है, जमीन पर नहीं। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि एसएससी के ग्रुप-B और ग्रुप-C पदों के लिए चल रही ऑनलाइन परीक्षा के दौरान यह पूरा रैकेट पकड़ में आया है, जो यह साबित करता है कि नकल माफिया अब भी सक्रिय हैं और केंद्र कर्मियों की मिलीभगत के बिना ऐसे उपकरण अंदर ले जाना लगभग असंभव है। यह घटना सिर्फ नकल का मामला नहीं बल्कि पूरे परीक्षा व्यवस्था की विश्वसनीयता पर सीधा हमला है, जिसने प्रदेश की भर्ती परीक्षाओं को एक बार फिर संदेह के घेरे में ला दिया है।
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