काशीपुर। नगर निगम सभागार में शुक्रवार को आयोजित बैठक में उत्तराखंड आपदा प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष विनय रूहेला ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ आपदा प्रबंधन की तैयारियों और अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा की। इस बैठक में नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, विद्युत विभाग, जल संस्थान, लोक निर्माण विभाग (PWD) और राजस्व विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल रहे। बैठक के दौरान विनय रूहेला ने कहा कि आपदा के समय सबसे पहली जिम्मेदारी प्रशासन और संबंधित विभागों की होती है कि वे जनता को त्वरित राहत पहुंचाएं। उन्होंने आपदा के दौरान हुई व्यवस्थाओं का बारीकी से मूल्यांकन किया और कई मामलों में लापरवाही पाए जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट हिदायत दी कि जनता की सुविधा के प्रति संवेदनशीलता दिखाना अनिवार्य है, अन्यथा लापरवाह अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान नगर निगम पार्षदों ने विनय रूहेला को ज्ञापन सौंपकर पेयजल संकट, जलभराव, बिजली आपूर्ति बाधित होने, आपदा के समय स्वास्थ्य सेवाओं में कमी और सड़कों पर मलवा न हटने जैसी समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। इन समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए रूहेला ने मौके पर ही जल संस्थान के अधिकारियों को पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने, विद्युत विभाग को बिजली व्यवस्था को तत्काल दुरुस्त करने और स्वास्थ्य विभाग को आपातकालीन सेवाओं को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। वहीं, PWD और नगर निगम को सड़कों व नालों से मलबा हटाने के लिए तुरंत कार्रवाई करने के आदेश दिए। इस बैठक में सबसे ज्यादा समस्याएं विद्युत विभाग के संबंध में आई जिनके बारे में श्री रूहेला ने समय पर समाधान के निर्देश दिए। उन्होंने अधिशासी अभियंता से कहा कि वह एक दिन महापौर के साथ बैठकर पार्षदों संघ बैठक करें और क्षेत्र की जो भी समस्याएं हैं उनका समाधान सुनिश्चित करें। सिंचाई विभाग और स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसी के ना आने पर उन्होंने नाराजगी जताई। बाद मे सिंचाई विभाग के एक अधिकारी आए। महापौर दीपक वाली ने श्री रहेला से शिकायत की की टूटी हुई सड़कों के संबंध में पीडब्ल्यूडी को पत्र लिखे जाते हैं लेकिन मेरी समझ में नहीं आ रहा कि क्या मेरे द्वारा लिखे गए पत्र सफिशिएंट नहीं है और अगर ऐसा है तो नियम में परिवर्तन किया जाए। उन्होंने काशीपुर शहर की सीवरेज व्यवस्था को दुरुस्त करने के साथ-साथ बरसात के दौरान टूटी आठ सड़कों नालो एवं वहल्ला व ढेला नदी की पिचिंग के लिए श्री रूहेला से अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम होते रहे तो जनहित में बेहतर रहेगा साथ हीआपके आने से हमारा भी मनोबल बढ़ेगा। आपदा प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष श्री रूहेला ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री प्रदेश के विकास के प्रति पूरी तरह से गंभीर हैं और बरसात के मौसम के दौरान तो वह खुद मौके पर जाकर दुर्घटनाओं का आकलन कर रहे हैं। लिहाजा अधिकारियों को भी चाहिए कि वह भी आने वाली शिकायतों का संज्ञान ले और जनहित में उनका त्वरित गति से निदान करें। आज की बैठक में जसपुर के उप जिलाधिकारी चतर सिंह चौहान नगर आयुक्त रविंद्र सिंह बिष्ट ए आरटीओ पूजा नयाल लघु सिंचाई सहायक अभियंता मदन मोहन शर्मा गढ़ी नेगी के अधिशासी अधिकारी संजय कुमार सहायक कृषि अधिकारी नरेश कुमार कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी डॉक्टर कल्याण सिंह खंड शिक्षा अधिकारी धीरेंद्र कुमार साहू खंड विकास अधिकारी कमल पांडे लेखपाल शिशु कुमार फूल सिंह अपर आयुक्त चंद्र सिंह इमलाल श्रम परिवर्तन विभाग के अधिकारी बलराम सिंह निलेश कुमार विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता विवेक कांडपाल एसडीओ महक मिश्रा पीडब्ल्यूडी के एक्शन विवेक सक्सेना पूरन सिंह भंडारी जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉक्टर संगीता कुमारी महुआ खेड़ा गंज की चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर श्वेता अग्रवाल राजस्व निरीक्षक अनूप सिंह सुनील कुमार बंगाल सिंह मोहम्मद अकरम पंचायत राज विभाग से सुनील सागर गुंजन चौहान तरन्नुम पंचायत राज से सुखलाल राणा डॉक्टर भरत सिंह व डॉक्टर मुकेश पांडे पशु चिकित्सा अधिकारी काशीपुर विजयपाल नेगी युवा कल्याण अधिकारी कंचन रावत सतीश शर्मा भाजपा के जिला अध्यक्ष मनोज पाल रवि पाल ब्लॉक प्रमुख चंद्रप्रभा चौधरी समरपाल सिंह जसबीर सिंह सैनी नगर निगम के कार्यालय अधीक्षक विकास शर्मा सहायक नगर अधिकारी कमल मेहता पार्षद दीपक पाठक वैशाली गुप्ता गुंजन आर्य प्रिंस बाली अब्दुल कादिर सीमा सागर आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन नगर निगम के कर अधीक्षक अनिरुद्ध गौड द्वारा किया गया। बैठक में महापौर दीपक बाली ने उपाध्यक्ष रूहेला का स्वागत करते हुए कहा कि नगर निगम जनता की सुविधा और सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है और आपदा जैसी परिस्थितियों में निगम पूरी तत्परता के साथ कार्य करता रहेगा। उन्होंने नगर निगम की ओर से आपदा प्रबंधन समिति को पूरा सहयोग देने का वचन भी दिया। विनय रूहेला ने अधिकारियों से कहा कि आपदा प्रबंधन केवल कागजों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसकी वास्तविक तैयारी और त्वरित कार्यवाही ही जनता के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि भविष्य में यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है तो उसके लिए संबंधित अधिकारी सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे। बैठक के अंत में उन्होंने सभी विभागों को आपसी तालमेल और त्वरित समन्वय के साथ काम करने पर जोर देते हुए कहा कि जनता की सुविधा और सुरक्षा ही सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

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