फर्जी राजनीतिक दलों पर नकेल कसने की मांग, सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक अहम याचिका में देशभर में बढ़ते फर्जी और बेनामी राजनीतिक दलों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है और अदालत से आग्रह किया गया है कि वह चुनाव आयोग को ऐसे दलों के पंजीकरण और नियमन के लिए ठोस एवं कठोर नियम बनाने का निर्देश दे, क्योंकि मौजूदा स्थिति में ये कथित दल लोकतंत्र और चुनावी व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बनते जा रहे हैं; याचिका में गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि इन फर्जी दलों का उद्देश्य जनता की सेवा करना नहीं बल्कि काले धन को सफेद करने, भारी चंदा इकट्ठा करने और कुख्यात अपराधियों को संरक्षण देने तक सीमित है, इतना ही नहीं, कई ऐसे दल सामने आए हैं जिन्होंने अपहरणकर्ताओं, ड्रग्स तस्करों, मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों और अन्य अपराधियों को बड़ी धनराशि लेकर राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर पदाधिकारी बना दिया, जिससे इन अपराधियों को न केवल राजनीतिक वैधता मिली बल्कि उन्हें पुलिस सुरक्षा और सरकारी सुविधाओं तक भी पहुंच प्राप्त हो गई; याचिका में यह भी दावा किया गया है कि कई अलगाववादी समूहों ने राजनीतिक दलों का गठन कर लिया है और चंदा जुटाने के लिए लोकतंत्र का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप वे अलगाववादी गतिविधियों को भी राजनीतिक आवरण प्रदान कर रहे हैं; याचिकाकर्ता ने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला करार देते हुए कहा है कि यदि राजनीतिक दलों के पंजीकरण और संचालन की स्पष्ट, पारदर्शी व कठोर व्यवस्था नहीं बनाई गई तो लोकतांत्रिक प्रणाली की जड़ें खोखली होती चली जाएंगी, इसलिए सुप्रीम कोर्ट से निवेदन है कि वह चुनाव आयोग को ठोस दिशा-निर्देश और सख्त नियम लागू करने का आदेश दे ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके और अपराधियों तथा संदिग्ध तत्वों को फर्जी दलों के माध्यम से संरक्षण देने की प्रवृत्ति पर पूर्ण विराम लगाया जा सके।

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संपादक : एफ यू खान

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