“उत्तराखंड की तरक्की की धुरी बनेगी मातृशक्ति: CM धामी” राज्य आंदोलन से विकास तक महिलाओं का अहम योगदान, शिक्षा व रोजगार सुधारों पर भी बोले मुख्यमंत्री।

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कहा कि उत्तराखंड के विकास और तरक्की की असली संवाहक यहां की मातृशक्ति ही बनेंगी। उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा केदारनाथ के दर से स्पष्ट कहा था कि आने वाला दशक उत्तराखंड का दशक होगा। मुख्यमंत्री धामी ने जोर देकर कहा कि इस ऐतिहासिक प्रगति में सबसे बड़ी भागीदारी और योगदान प्रदेश की महिलाओं का ही रहेगा।राजभवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने हमेशा महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण को अपनी प्राथमिकता में रखा है। इसका परिणाम है कि हाल के वर्षों में राज्य ने मातृ मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की महिलाएं हमेशा से अपनी मेहनत, लगन और क्षमता के लिए जानी जाती रही हैं। चाहे राज्य निर्माण आंदोलन हो या फिर सामाजिक बदलाव का कोई भी अवसर, महिलाओं ने अग्रिम पंक्ति में रहकर अपनी अहम भूमिका निभाई है। राज्य आंदोलन में मातृशक्ति के योगदान को इतिहास कभी भुला नहीं सकता।मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां की महिलाएं अपने कौशल, परिश्रम और दृढ़ संकल्प से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पाद उच्च गुणवत्ता के होते हैं, जिनकी सराहना राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक होती है। यही कारण है कि उत्तराखंड की मातृशक्ति आज आत्मनिर्भरता और आर्थिक मजबूती की प्रतीक बन चुकी है। उन्होंने कहा कि जिस विश्वास के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड के उज्ज्वल भविष्य की घोषणा बाबा केदार के दर से की थी, उसी विश्वास की असली धुरी यहां की महिलाएं हैं, जो आने वाले वर्षों में राज्य को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाएंगी।पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में भी कई बड़े कदम उठाए हैं। नई शिक्षा नीति को उत्तराखंड में लागू किया गया है, जिससे विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा और आधुनिक अवसर उपलब्ध होंगे। नकल कानून को सख्त किए जाने से प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता आई है और इसके परिणामस्वरूप 25 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अल्पसंख्यक शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए राज्य सरकार एक नया विधेयक लेकर आई है, ताकि सभी वर्गों के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का समान अवसर मिल सके।मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि उत्तराखंड की मातृशक्ति के नेतृत्व में राज्य न केवल अपने विकास लक्ष्यों को प्राप्त करेगा बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श उदाहरण भी बनेगा। उन्होंने कहा कि आने वाला दशक वास्तव में उत्तराखंड का होगा और इस दशक की असली धुरी और प्रेरणा शक्ति यहां की महिलाएं होंगी।

Profile Picture

संपादक : एफ यू खान

संपर्क: +91 9837215263

संबंधित ख़बरें

Leave a Comment