महिला और छोटे गन्ना किसानों को पहली बार प्राथमिकता

देहरादून। गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग ने पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना आपूर्ति एवं सट्टा नीति जारी करते हुए इस बार महिला किसानों और छोटे गन्ना उत्पादकों को ऐतिहासिक राहत दी है। विभाग के आयुक्त त्रिलोक सिंह मर्तोलिया ने कहा कि पहली बार महिला किसानों को गन्ना आपूर्ति में 20 प्रतिशत प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और उन्हें समय पर चीनी मिलों तक गन्ना बेचने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही छोटे किसानों को भी प्राथमिकता देकर उनके गन्ने की पर्चियां पहले जारी की जाएंगी। नीति के अनुसार जिन किसानों के पास 99 क्विंटल तक गन्ना होगा उन्हें गन्ने की पर्चियां एक और दो पखवाड़ों में जारी की जाएंगी, जबकि 100 से 144 क्विंटल गन्ना वाले किसानों को एक से तीन पखवाड़ों के भीतर पर्चियां मिल जाएंगी। विभाग का कहना है कि इस नीति से महिला और छोटे किसानों को समय पर गन्ना मिलों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और गन्ना उत्पादन में भी प्रोत्साहन मिलेगा। इससे राज्य के चीनी उद्योग को स्थिरता और मजबूती मिलेगी तथा बड़े किसानों के साथ छोटे किसान भी समान अवसरों के दायरे में आएंगे। नीति में यह भी सुनिश्चित किया गया है कि गन्ना आपूर्ति व्यवस्था को पारदर्शी और सरल बनाया जाए, ताकि किसानों को गन्ना कटाई से लेकर मिल तक पहुंचाने में किसी तरह की दिक्कत न हो। सरकार का मानना है कि महिला किसानों को प्राथमिकता देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी और चीनी मिलों को लगातार गुणवत्तापूर्ण गन्ना आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

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संपादक : एफ यू खान

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