प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के आर्थिक सुरक्षा अधिकारों को मजबूत करने की दिशा में सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए सेवानिवृत्ति और मृत्यु पर दी जाने वाली एकमुश्त सहायता राशि को बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसके तहत अब कार्यकर्ताओं को अधिकतम 4 लाख 32 हजार रुपये तक की सहायता मिलेगी; महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के अनुसार यह महत्वपूर्ण लाभ प्रदेश की लगभग 38 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को मिलेगा। विभाग के निदेशक बी.एल. राणा ने बताया कि लंबे समय से कार्यकर्ताओं की ओर से “आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कल्याण कोष योजना” में संशोधन और सहायता राशि बढ़ाने की मांग की जा रही थी, जिसके बाद महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या की अध्यक्षता में इस विषय पर दो दौर की विस्तृत बैठकें आयोजित की गईं। समीक्षा में यह सामने आया कि मौजूदा धनराशि 46,540 रुपये वर्तमान समय की आवश्यकताओं और कार्यकर्ताओं की दीर्घकालीन सेवा के अनुरूप नहीं है। इसी आधार पर निर्णय लिया गया कि वित्तीय वर्ष 2026–27 से सेवानिवृत्ति और मृत्यु पर देय एकमुश्त धनराशि को कम से कम एक लाख रुपये निर्धारित किया जाएगा, जबकि अधिक सेवा अवधि वाली कार्यकर्ताओं के लिए यह राशि सीधे 4,32,000 रुपये तक पहुंचेगी। विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस संशोधन का उद्देश्य दशकों से कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सम्मानजनक और मजबूत आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है, ताकि सेवा के अंतिम चरण में उन्हें उचित सहयोग मिल सके और भविष्य के लिए एक स्थिर आधार सुनिश्चित हो सके।
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