काशीपुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल द्रोणासागर की जमीन पर अवैध कब्जे का मामला प्रकाश में आया है। श्री डमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट द्वारा इस संबंध में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को एक शिकायत पत्र सौंपा गया है।शिकायत में आरोप लगाया गया है कि काशीपुर डेवलपमेंट फोरम यानी के.डी.एफ. के अध्यक्ष राजीव घई ने धोखाधड़ी कर तीर्थ स्थल द्रोणासागर की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया है। ट्रस्ट का कहना है कि यह भूमि खसरा संख्या 69 मिन के अंतर्गत आती है, जो कि पूरी तरह से सरकारी भूमि है और शासन द्वारा पर्यटन स्थल के रूप में घोषित की गई है।शिकायत पत्र में उल्लेख किया गया है कि वर्ष 2021 में एक रजिस्ट्री के माध्यम से भूमि का हस्तांतरण दर्शाया गया, जो वास्तव में दानदाता शम्भूनाथ की निजी भूमि खसरा संख्या 70 मिन से संबंधित थी। लेकिन भूमि पर कब्जा खसरा 69 मिन की यानी सरकारी भूमि पर कर लिया गया।इतना ही नहीं, राजीव घई द्वारा उक्त भूमि पर के.डी.एफ. के नाम से एक कार्यालय का निर्माण भी करा लिया गया है, जो गोविषाण टीले से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित है। साथ ही बिना किसी प्रशासनिक अनुमति के एक पक्की दीवार भी खड़ी कर दी गई है।शिकायतकर्ता अजय कुमार ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि उक्त सरकारी भूमि की विधिवत नपाई कराई जाए, अवैध निर्माण को हटाया जाए, की गई रजिस्ट्री को निरस्त किया जाए और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।शिकायत पत्र की प्रतिलिपि राज्यपाल, आयुक्त, जिलाधिकारी, स्थानीय विधायक और महापौर को भी भेजी गई है।द्रोणासागर तीर्थस्थल काशीपुर का एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल है, और इस मामले को लेकर अब स्थानीय जनता में भी रोष बढ़ता जा रहा है














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