उत्तराखंड में शादीशुदा जोड़ों के लिए बड़ी राहत और खुशखबरी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के नागरिकों के हित में एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए एलान किया है कि अब उत्तराखंड में विवाह पंजीकरण के लिए किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जाएगी। यह निर्णय यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के तहत लिया गया है, जिससे विवाह पंजीकरण प्रक्रिया को और अधिक सरल, पारदर्शी और आम नागरिकों के लिए सुलभ बनाया जा सके। सीएम धामी ने स्पष्ट किया कि यह छूट 26 जुलाई 2025 तक प्रभावी रहेगी और इस अवधि में कोई भी जोड़ा बिना किसी शुल्क के अपना विवाह पंजीकृत करा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य का कोई भी नागरिक केवल आर्थिक कारणों से अपने वैवाहिक अधिकारों से वंचित न रह जाए। मुख्यमंत्री ने एक वीडियो संदेश के ज़रिए जनता को संबोधित करते हुए बताया कि UCC लागू होने के बाद अब तक लगभग 2 लाख से अधिक विवाहों का पंजीकरण हो चुका है, जो इस नई व्यवस्था की सफलता और लोगों की सहभागिता को दर्शाता है। उन्होंने विशेष रूप से उन जोड़ों से अपील की जिनका विवाह UCC के लागू होने से पहले हो चुका है, कि वे भी आगे आकर अपना विवाह विधिक रूप से पंजीकृत कराएं, ताकि उनका संबंध क़ानूनी रूप से मान्यता प्राप्त हो सके। यह निर्णय ना सिर्फ सामाजिक और कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह नागरिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी ने यह भरोसा भी दिलाया कि उनकी सरकार आगे भी इसी तरह जनता को राहत देने वाले निर्णय लेती रहेगी।

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