गैरसैंण से ऐतिहासिक घोषणा: उत्तराखंड बना देश का पहला राज्य जिसने लागू की योग नीति

गैरसैंण, 21 जून 2025 — 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में भारत की पहली योग नीति की घोषणा की। इस अवसर पर देश-विदेश से आए गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नीति का उद्देश्य उत्तराखंड को वैश्विक योग और वेलनेस राजधानी बनाना है।मुख्यमंत्री ने बताया कि इस नीति के तहत योग और वेलनेस सेंटर खोलने के लिए 20 लाख रुपये तक की सब्सिडी और योग, ध्यान तथा प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़े अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए 10 लाख रुपये तक की अनुदान राशि दी जाएगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि 2030 तक राज्य में पांच नए योग हब स्थापित किए जाएंगे और मार्च 2026 तक सभी आयुष हेल्थ और वेलनेस केंद्रों में योग सेवाएं उपलब्ध करा दी जाएंगी।इसके अलावा कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों में एक-एक आध्यात्मिक नगरी विकसित की जाएगी, जो योग, आयुर्वेद और अध्यात्म के अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में पहचान बनाएंगी। राज्य सरकार इन शहरों को आध्यात्मिक, आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विकसित करेगी, जहां विश्व भर से योग और वेलनेस से जुड़े विशेषज्ञों और संस्थाओं को आमंत्रित किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने गैरसैंण स्थित विधानसभा परिसर में ‘एक वृक्ष, योग के नाम’ अभियान के अंतर्गत सेब का पौधा भी रोपित किया और स्थानीय नागरिकों तथा छात्रों से मुलाकात कर उन्हें योग के लाभों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा कि योग न केवल स्वास्थ्य सुधारता है, बल्कि मानसिक शांति, आंतरिक संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।इस अवसर पर मैक्सिको के भारत में राजदूत फेडरिको सालास, आर्थिक मामलों के प्रमुख रिकार्डो डेलगाडो, राज्य के कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत समेत कई विदेशी प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने सभी को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए योग को जीवनशैली में शामिल करने का आह्वान किया।इस ऐतिहासिक कदम के साथ उत्तराखंड ने योग, आयुर्वेद और अध्यात्म के क्षेत्र में भारत को वैश्विक नेतृत्व दिलाने की दिशा में एक मजबूत और प्रभावशाली पहल की है।

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