उत्तराखंड पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट की रोक, सरकार को आरक्षण विवाद में करारा झटका

उत्तराखंड में प्रस्तावित पंचायत चुनावों पर नैनीताल हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है, जिससे धामी सरकार को कानूनी और राजनीतिक दोनों ही मोर्चों पर तगड़ा झटका लगा है। यह फैसला सोमवार को उस समय आया जब अदालत में आरक्षण से संबंधित कई याचिकाओं पर सुनवाई चल रही थी। कोर्ट ने स्पष्ट टिप्पणी करते हुए कहा कि जब तक पंचायत चुनावों को लेकर आरक्षण संबंधी अधिसूचना जारी नहीं होती, तब तक राज्य में किसी भी प्रकार की चुनावी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जा सकती। हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में यह भी निर्देश दिया कि सरकार भविष्य में भी तब तक कोई कार्रवाई न करे जब तक आरक्षण की स्थिति स्पष्ट न हो जाए। गौरतलब है कि राज्य में 10 जुलाई को पंचायत चुनाव कराए जाने की तिथि तय की गई थी, लेकिन आरक्षण को लेकर जारी असमंजस और अधिसूचना की अनुपस्थिति ने चुनावी प्रक्रिया पर कानूनी प्रश्नचिह्न लगा दिया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कोर्ट के फैसले को सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा करने वाला करार दिया और कहा कि हाईकोर्ट ने उनकी आशंकाओं पर मुहर लगा दी है। वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने संयमित प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्टी अदालत के फैसले का सम्मान करती है और उसकी विधिक समीक्षा कर रही है। उन्होंने यह भी दोहराया कि सरकार की मंशा साफ है और वह पंचायत चुनाव समय पर कराने के लिए प्रतिबद्ध थी। कोर्ट के इस फैसले से अब राज्य में चुनाव की पूरी प्रक्रिया ठहर गई है और राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।

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संपादक : एफ यू खान

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