मुख्यमंत्री धामी का निर्देश – धर्मस्थलों की क्षमता के अनुसार ही मिलेगा श्रद्धालुओं को प्रवेश, सुरक्षा और प्रबंधन व्यवस्था होगी सख्त

देहरादून/हरिद्वार, 29 जुलाई 2025मनसा देवी मंदिर में हाल ही में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अब सभी धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं को उन्हीं की धारण क्षमता के अनुसार ही प्रवेश दिया जाएगा।सीएम धामी ने अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि जिन धार्मिक स्थलों पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, वहां प्रबंधन व्यवस्था, पार्किंग, ट्रैफिक नियंत्रण और सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन कराया जाए। इसके अलावा स्थलों के संभावित विस्तार और अवसंरचना सुधार को भी प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं।सीएम धामी सोमवार को एफटीआई में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह व्यवस्था मनसा देवी मंदिर सहित पूरे प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर सख्ती से लागू की जाएगी।—🔹 कुमाऊं के प्रमुख धार्मिक स्थल जहां भीड़ नियंत्रण जरूरीमुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद अब नजर कुमाऊं के उन प्रमुख स्थलों पर है, जहां तीर्थयात्रियों की संख्या अत्यधिक रहती है:1. कैंची धाम (नैनीताल)बाबा नीब करौरी महाराज के आश्रम में प्रतिदिन औसतन 10-12 हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं, जबकि शनिवार और मंगलवार को यह संख्या 15-18 हजार तक पहुंच जाती है। स्थापना दिवस 15 जून को यहां श्रद्धालुओं की संख्या एक से डेढ़ लाख तक हो जाती है। व्यवस्थाएं इस भीड़ के मुकाबले बेहद सीमित हैं।2. जागेश्वर धाम (अल्मोड़ा)हिमालय की काशी के नाम से प्रसिद्ध इस धाम में 124 मंदिरों का समूह है। श्रावण मास और महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां देशभर से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।3. चितई गोलू मंदिर (अल्मोड़ा)घंटियों वाले इस प्रसिद्ध मंदिर में प्रतिदिन चार से पांच हजार श्रद्धालु दर्शन को आते हैं। विशेष अवसरों पर यह संख्या 10 हजार के पार पहुंचती है।4. हाट कालिका मंदिर (गंगोलीहाट)सैनिकों और पूर्व सैनिकों की विशेष आस्था का यह केंद्र नवरात्रि में श्रद्धालुओं से भर जाता है। देवी कालिका को समर्पित यह मंदिर वर्षभर आस्था और पर्यटन का केंद्र बना रहता है।5. पूर्णागिरी धाम (टनकपुर, चंपावत)51 शक्तिपीठों में शामिल यह मंदिर चैत्र नवरात्रि के दौरान अत्यधिक भीड़ का केंद्र बनता है। हर दिन हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।6. गर्जिया मंदिर (रामनगर)कोसी नदी में टीले पर स्थित यह मंदिर कार्तिक पूर्णिमा, गंगा दशहरा, नवरात्र और शिवरात्रि जैसे पर्वों पर श्रद्धालुओं से भर जाता है।

अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर सख्ती – स्वयं हटाएं, नहीं तो चलाया जाएगा अभियानमुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि धार्मिक स्थलों के आसपास हो रहे अवैध निर्माण और अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे स्वेच्छा से अवैध निर्माण हटाएं, अन्यथा सरकार द्वारा सघन अभियान चलाया जाएगा।

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